पालिका प्रशासन चौकस हो जाता तो फर्जीवाड़े पर लग सकता था विराम

  • Devendra
  • 01/02/2018
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बिजयनगर नगर पालिका में पट्टा बनाने में हो रहे फर्जीवाड़ा के संबंध में कई पार्षदों ने अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी। यहां तक कि मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिया गया था।

पार्षद संजू शर्मा, मोनिका रावत, सुशीला सेन, दीपिका वर्मा, लेखराज बैरवा, सुधा कुमावत, उषा कलवानी, संजय कुमावत, चेतन अरोड़ा, रितु कुमावत, अशोक कुमार, भवानीशंकर राव, जगदीश सिंह राठौड़, रेखा नायक, रितु कुमावत व इन्द्रजीसिंह मेवाड़ा आदि ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया था।

इसमें सरकारी जमीनों व एससी-एसटी के भोले-भाले लोगों को मोहरा बनाकर सरकारी अधिकारी व जनप्रतिनिधि की मिलीभगत से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जमीनों के बेचान करने वाले भू-माफिया गोपालसिंह राठौड़़ के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई थी।

इसके बावजूद नगर पालिका प्रशासन चौकस नहीं हुआ। जानकारों का मानना है कि यदि नगर पालिका प्रशासन समय रहते चौकस हो जाता तो पट्टा बनाने में हो रहे फर्जीवाड़े को रोका जा सकता था।

ठगा सा महसूस कर रहा हूं-मुकेश अग्रवाल
इस जमीन प्रकरण में विजय अग्रवाल ने मुझे इस जमीन के बेचान की जानकारी दी तथा गोपाल सिंह राठौड़ ने मुझे आश्वसत किया कि रजिस्ट्री होने के बाद जमीन का नामांतरण आपके नाम करवा देंगे। मीराबाई द्वारा मेरे हिस्से के बीच में दीवार निर्माण करवा देने के बाद मैं भी आश्वसत हो गया।

तहसील से रजिस्ट्री बन जाने और नगर पालिका में नामांतरण खुलने के बाद पार्षद संजय शर्मा द्वारा आपत्ति लगाई जाने के बाद पता चला कि यह मामला कुछ और ही है। तब तक मुझे विजय अग्रवाल, गोपालसिंह राठौड़ और मीराबाई सभी ने झांसे में रखा।

चूंकि मेरी तरफ से पूरी राशि अदा कर दी गई है और मुझे कानून पर पूरा भरोसा है। प्रकरण समाप्त होने के बाद मैं संबंधित लोगों के खिलाफ कानूनन कार्रवाई करूंगा।

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