
श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के शोपियां में सोमवार को आतंकियों ने सुरक्षाबलों के गश्तीदल पर घात लगाकर हमला किया। जवानों की जवाबी कार्रवाई पर आतंकी जान बचाकर भाग निकले। इस बीच, सुरक्षाबलों ने शोपियां व बिजबिहाड़ा में छिपे आतंकियों को जिंदा अथवा मुर्दा पकड़ने के लिए घेराबंदी कर तलाशी अभियान (कासो) चलाया।
दोपहर को सुरक्षाबलों का एक दल जिला शोपियां के नुले पोशवारी गांव से नियमित गश्त पर निकल रहा था। वहां पांच आतंकियों का एक दल पहले से ही घात लगाए बैठा था। आतंकियों ने जवानों को देखते ही हमला कर दिया। जवानों ने भी जवाबी फायर किया। करीब दस मिनट तक दोनों तरफ से गोलियां चलती रहीं। इसके बाद आतंकी वहां से भाग निकले।
इसी दौरान शोपियां के इमाम साहब पुलिस स्टेशन के अंतर्गत गुंड वोईनारा गांव में आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर सेना की 34 आरआर, सीआरपीएफ की 14वीं वाहिनी और राज्य पुलिस विशेष अभियान दल एसओजी के जवानों के एक संयुक्त कार्यदल ने कासो चलाया। अभियान में सुरक्षाबलों को आतंकियों का कोई सुराग नहीं मिला था। उधर, अनंतनाग के बिजबिहाड़ा के साथ सटे अरवनी गांव में भी तीन आतंकियों की सूचना पर सुरक्षाबलों ने कासो चलाया। जवानों को तलाशी लेते देख वहां मौजूद आतंकी समर्थक युवकों की भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। सुरक्षाबलों ने हल्का बल प्रयोग कर हिसक भीड़ को खदेड़ते हुए देर शाम तक कासो जारी रखा।
पाक गोलाबारी में तीन घायल, भारत ने भी तबाह की चौकी
पाक सेना ने सोमवार को जम्मू संभाग के पुंछ जिले के मनकोट व मेंढर सेक्टर और कश्मीर संभाग के उड़ी सेक्टर (बारामुला) में नियंत्रण रेखा पर भारी गोलाबारी की। उड़ी के हाजीपीर में नागरिक बस्तियों पर गिरे पाकिस्तानी गोलों से एक महिला सहित तीन लोग घायल हो गए। भारत ने भी जवाबी कार्रवाई कर पाक की एक अग्रिम निगरानी चौकी को तबाह कर दिया।
पाकिस्तानी सेना के तीन सैनिक भी मारे या घायल हुए हैं, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। सोमवार देर शाम तक दोनों तरफ से गोलाबारी जारी रही। पाक की इस हरकत के बाद सेना ने पूरे उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर चौकसी बढ़ा दी है। सभी फील्ड कमांडरों को दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कहा गया है।
पाकिस्तानी सैनिकों ने रविवार दोपहर करीब एक बजे उड़ी के चुरंडा और सिलीकोट गांव के बाहरी छोर पर स्थित भारतीय सैन्य चौकियों पर गोलाबारी शुरू कर दी। भारतीय जवानों ने संयम बनाए रखा और जवाबी कार्रवाई नहीं की। करीब पौना घंटे तक पाकिस्तानी सैनिक हल्के हथियारों से गोलाबारी करते रहे। इसके बाद वह शांत हो गए। भारतीय जवानों ने सरहद पार से घुसपैठ की आशंका को देखते हए अग्रिम इलाकों में तलाशी अभियान चलाया, लेकिन घुसपैठियों का कोई सुराग नहीं मिला।
शाम करीब सवा पांच बजे पाकिस्तानी सैनिकों ने दोबारा गोलाबारी शुरू कर दी। इस बार उन्होंने सैन्य चौकियों के साथ चुरंडा और सिलीकोट गांव में ग्रामीणों के घरों पर भी तोप और मोर्टार के गोले दागना शुरू कर दिए। पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा दागे गए गोलों की चपेट में आकर तीन ग्रामीण जख्मी हो गए।
इसके बाद भारतीय सेना ने भी कड़ी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें खोजाबांडी के अगले हिस्से में स्थित पाकिस्तानी सेना की एक निगरानी चौकी पूरी तरह तबाह हो गई। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि हाजीपीर दर्रे के निचले हिस्से में स्थित खोजाबांडी (गुलाम कश्मीर) में स्थित चौकियों से ही पाकिस्तानी सैनिक सबसे ज्यादा गोलाबारी करते हैं।
उधर, पुंछ में पाकिस्तान ने रविवार रात को खड़ी करमाड़ा सेक्टर में गोलाबारी करने के बाद सोमवार शाम को मनकोट व मेंढर सेक्टर में भारतीय सैन्य चौकियों व रिहायशी क्षेत्रों पर मोर्टार दागने शुरू कर दिए। इससे सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में दहशत फैल गई। पाक सेना काफी समय से गोलाबारी की आड़ में आतंकवादियों के दल को भारतीय क्षेत्र में दाखिल करवाने का प्रयास कर रही है, लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ रहा है।