
नई दिल्ली। सरकार ने साफ कर दिया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पीएनबी में हुए 11.4 अरब रुपये के घोटाले में कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। घोटाले के प्रकाश में आने के बाद पहली बार बोले केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के तेवर और रुख से स्पष्ट है कि बैंक प्रबंधन और आडिटर्स भी घेरे में हैं। और उन पर भी गाज गिर सकती है। वहीं नीरव मोदी जैसे घपलेबाजों को चेताया कि आखिरी मोड़ तक पीछा कर सरकार उन्हें दबोच लेगी।
पिछले एक सप्ताह में हर खुलती परत के साथ साथ यह भी साफ होता जा रहा है कि बैंकिंग व्यवस्था में कई स्तर पर खामी है और अधिकारी वह काम भी नहीं कर पा रहे, जिनकी जिम्मेदारी है। मंगलवार को जेटली के भाषण में यह निराशा भी खुल कर दिखी और इससे निपटने की सख्ती भी।
एक तरफ जहां सीबीआइ और ईडी नीरव मोदी और बिक्रम कोठारी के खिलाफ जांच में जुटी है। वहीं जेटली ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा- ‘बैंकिंग सिस्टम के साथ गड़बड़ी करने वाले किसी भी धोखेबाज को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार उसका पीछा कर धर दबोचेगी।’
उन्होंने आगे प्रबंधन को लेकर भी निराशा जताई। उन्होंने कहा, ‘अगर वह बैंक के भीतर हो रही गड़बड़ी को पकड़ने में असफल है तो वह निश्चित तौर पर अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर पा रही है।’ पहली बार सरकार की तरफ से किसी ने बैंक प्रबंधन पर इस तरह का सवाल उठाया है। माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय पीएनबी के प्रबंधन के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई कर सकता है।
वित्त मंत्री ने बैंक के आडिटर्स को भी सवालों के घेरे में लिया और इस पूरे कांड के लिए उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया। जेटली एसोसिएशन ऑफ डेवलपमेंट फाइनेंसिंग इंस्टीट्यूशंस इन एशिया एंड पैसिफिक के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र की निगरानी करने वाली एजेंसियों को सलाह दी कि उन्हें ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि इस तरह की घटनाओं को शुरुआत में ही पकड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने बैंकों को पूरी स्वायत्ता दी है तो जिम्मेदारी और दक्षता से उसका पालन भी होना चाहिए। उन्होंने हर किसी को आत्मचिंतन की सलाह दी।