यह परीक्षा तो सब के लिए है…

  • Devendra
  • 22/02/2018
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10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा : तनावमुक्त परीक्षा के लिए बनाएं माहौल
बिजयनगर । इन दिनों स्कूल से लेकर घरों तक में परीक्षा की धुन सवार है। परीक्षा के इस धुन की लय तनाव बिगाड़ देता है। साज तभी बजता है जब उसमें न तो अत्यधिक तनाव हो और न ही अत्यधिक ढीलापन। कुछ यही हाल परीक्षा का भी है। परीक्षा की इस गुलिस्तां में हर विषय की अपनी-अपनी बगिया है और सबकी अपनी अहमियत है। नजर परीक्षार्थियों पर है। प्रस्तुत है अध्यापकों का मार्गदर्शन और मनोचिकित्सक की सलाह उन्हीं के शब्दों में…

टाइम-टेबल बनाकर कर रहा हूं तैयारी
मैं बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए विशेष प्रयासरत हूं। अपने शिक्षण कार्य का विषयवार टाइम – टेबल बनाकर सभी विषयों की तैयारी कर रहा हूं। प्रतिदिन 7 घंटे पढ़ाई में व्यस्त रहता हूं। विषय सम्बंधी कोई अड़चन आने पर मुझे शिक्षकों का पूरा सहयोग मिलता है। बोर्ड परीक्षाओं को लेकर वैसे ही विद्यालय में अच्छी तैयारी करवाई गई थी। अब अपने माता पिता और गुरुजनों के आशीर्वाद से अच्छे अंक लाने का प्रयास कर रहा हूं।

तरुण पांचाल, कक्षा 12, महेश शिक्षा सदन उमावि

6-7 घंटे पढ़ाई करती हूँ
मैंने परीक्षा की तैयारी के लिए शुरुआती दौर में ही समय सारणी तय की हुई है जिसमें सप्ताह के हिसाब से सभी विषयों की तैयारी करती हूं। पिछले सालों के प्रश्न पत्रों को दृष्टिगत रखते हुए सम्भावित प्रश्नों का चयन कर तैयारी कर रही हूँ। रोजाना 6-7 घंटे पढ़ाई जारी रखती हूं।

अलीषा गौरी, कक्षा 12, रा.ना.उ.मा.वि., बिजयनगर

नींद पूरी लें और हल्का-फुल्का भोजन करें
नियमित अध्ययन करें ताकि परीक्षा के समय ज्यादा तनाव जैसी स्थिति न हो। पढ़े हुए का मनन करें, पूरी नींद लें, व्यायाम करें और हल्का-फुल्का भोजन करें। परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा समय से आधे घंटे पहले पहुंचें। अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों से अत्यधिक अपेक्षाएं नहीं रखें। प्रत्येक बच्चा आईएएस नहीं बन सकता, उसकी जैसी योग्यताएं हैं उसी प्रकार की उससे अपेक्षाएं रखें।

डॉ. प्रदीप गर्ग, चिकित्सक, राजकीय अस्पताल, बिजयनगर

मार्गदर्शन भी लेती हूँ
मैंने परीक्षा की तैयारी के लिए समय सारणी तय की हुई है। मैंने पिछले वर्षों के सॉल्व्ड और अनसॉलव्ड मॉडल पेपर को दृष्टिगत रखकर प्रतिदिन 8 घंटे अध्ययन करती हूं। मुझे पाठ्यक्रम को लेकर दिक्कत आती हैं अपने गुरुजनों से मार्गदर्शन लेती हूं।

द्विपल दाधीच, कक्षा 12 सरस्वती उ.मा.वि., बिजयनगर

मानसिक अनुशासन बेहद जरूरी
परीक्षाएं शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और कई छात्रों के लिए तनाव का स्रोत। यदि किसी विधार्थी को परीक्षा देना अच्छा लगने लगे तो उसे कभी तनाव महसूस नहीं होगा। इसलिए तनाव हमारे दिमाग का भ्रम है, यह सत्य नहीं। इसलिए उस भ्रम को काबू करने के लिए मानसिक अनुशासन बेहद जरूरी है।

विद्यार्थियों को किस तरह तनाव मुक्त होकर तैयारी करनी चाहिए
(1) अपने आप पर व स्वयं की क्षमताओं पर पूरा विश्वास रखें। (2) सदैव सकारात्मक सोच रखें। (3) परीक्षा से पूर्व ही अपनी परीक्षा समय-सारणी, दिनांक, समय व परीक्षा स्थान के बारे में अच्छी तरह से सुनिश्चित कर लें। (4) अपने अध्ययन के समय को 50 मिनट से 1 घंटे तक 10-20 मिनट के अंतराल के साथ निर्धारित करें। (5) इस अंतराल के दौरान वह कार्य करें जो आपको सबसे ज्यादा पसंद हो-जैसे अपने मित्र से बात करना, टेलिविजन देखना, मोबाइल पर खेल खेलना, शेयर करना इत्यादि। (6) अपनी समय-सारणी स्वयं निर्धारित करें। (7) पानी अधिक पियें। (8) नियमित व्यायाम व एकाग्रचित्ता आपके तनाव को कम कर सकती है। (9) पौष्टिक और संतुलित भोजन करें, अच्छी नींद लें। (10) अपने आपको प्रसन्न रखें।

फादर कैश्यिस लिगौरी, प्रधानाचार्य, संत पॉल स्कूल, बिजयनगर

निरंतरता के लिए 45-50 मिनट पढऩे के बाद 5-10 मिनट आराम कर लें
पढ़ाई में निरंतरता जरूरी

वर्तमान में आरबीएसई और सीबीएसई की सालाना परीक्षाएं सिर पर है। परीक्षार्थियों पर दबाव के अनेक कारण है जिसमें माता-पिता द्वारा बच्चों से अधिक अंक लाने की अपेक्षा करना। वर्तमान युग की परीक्षा में अधिक अंक लाने की अंधी दौड़ हैं।

तनावमुक्त होकर ही परीक्षा में अधिक व सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। इसके लिए किताबी कीड़ा होकर लगातार कई घंटों तक पढऩे की आवश्यकता नहीं हैं। 45-50 मिनट पढऩे के बाद 5-10 मिनट का आराम लें, सुबह की सैर करें व थोड़ा व्यायाम भी करें। परीक्षा के दिनों में कम से कम एक कॉमेडी सिरियल अवश्य देखें व कम से कम 6 घंटे नींद अवश्य लें। पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखें।

महावीर शर्मा, अन्नपूर्णा कोचिंग सेंटर, बिजयनगर (मनोविज्ञान)

परीक्षा कड़वी दवा, पीना जरूरी
परीक्षा के दिनों में विद्यार्थियों में तनाव होना स्वभाविक है। मेरी समझ से तनाव होना हमेशा बुरा नहीं होता है। यदि तनाव आपको कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित करे तो वो ठीक है। अगर मेरे जीवन में परीक्षा नहीं होती तो मेरा ज्ञान आज के ज्ञान का 25 प्रतिशत ही होता और शायद नहीं होता। छात्रों की परीक्षा एक कड़वी दवा है जिसे पीकर ही हम असफलता की बीमारी ठीक कर सकते हैं।

परीक्षा से पहले आपको यह सोचकर प्रयास करना चाहिए कि कठिन प्रयास कभी व्यर्थ नहीं होता। आप अपनी समय सारणी इस तरह बनाएं कि शेष बचे दिनों में समस्त विषयों को पर्याप्त समय मिल पाए और तैयारी करने के साथ-साथ विषय समस्या पूरी करने की कोशिश करें। हताशा को अपने ऊपर हावी नहीं होने दें। अपना समय बर्बाद न करें। बस हमेशा याद रखें कि परीक्षा आपके सफलता के मार्ग की प्रथम सीढ़ी है।

दीपक लौहार, प्रधानाचार्य अजयमेरू पब्लिक स्कूल, बिजयनगर

सहपाठी के साथ मिलकर करें तैयारी
बोर्ड परीक्षार्थियों को परीक्षा से पूर्व तनाव मुक्तरहना चाहिए। बोर्ड परीक्षा के पूर्व प्रश्नपत्रों का सरलीकरण इस समय महत्वपूर्ण है इससे प्रश्नों का पैटर्न समझ में आएगा। हो सके तो अपने किसी कक्षा में अव्वल आने वाले सहपाठी के साथ मिलकर परीक्षा की तैयारी करें तो और भी अच्छा होगा।

किशोर राजपाल, प्रधानाध्यापक, राबामावि, आगूँचा

मैंने कक्षा 10 में 87 प्रतिशत अंक अर्जित किए और इस बार इससे ज्यादा अंक अर्जित करने की आशा है। रोजाना 6 घंटे नियमित पढ़ाई करती हूं। जिसमें गत वर्षो के प्रश्नपत्र और क्लास में सर द्वारा तैयार करवाए गए नोट्स को विशेष तौर से अध्ययन कर रही हूं।

अक्षिता सोलंकी, कक्षा 12 रा.ना.उ.मा.वि., बिजयनगर

मैं गणित, विज्ञान, अंग्रेजी की विशेष तैयारी के लिए मॉडल पेपर और शिक्षकों के मार्गदर्शन ले रहा हूं। नियमित रूप से रोजाना 4-6 घंटे पढ़ाई कर रहा हूँ। मैं अपने गुरुजनों और माता-पिता की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा।

आशीष चौधरी, कक्षा 10, गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय, गुलाबपुरा

स्वअध्ययन के लिए माहौल बनाएं…
जब परीक्षा समीप हों तो बच्चों को स्वअध्ययन के लिए रखना चाहिए तथा उनको पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय व माहौल प्रदान करना चाहिए। उनको नई पाठ्यसामग्री और कोचिंग के लिए प्रेरित नहीं करना चाहिए। परीक्षा के समय छात्रों को स्वतंत्र चिंतन यानि तनावमुक्त होकर तथा पुरानी पढ़ी गई विषय वस्तु का ही अध्ययन करना चाहिए और अलग-अलग पास बुक्स व डेस्क वर्क नहीं पढ़कर एक ही पास बुक्स व पाठ्य पुस्तक को आधार बनाकर अध्ययन करना चाहिए।

दिनेश उपाध्याय, शिक्षक, प्रणव विरंची मा. विद्यालय, बिजयनगर

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