
जयपुर। सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मामले में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर शिकंजा कसने के बाद बैंक की बाड़मेर ब्रांच में एक फर्जीवाडे का खुलासा किया है। सीबीआई ने इस मामले में पीएनबी बाड़मेर शहर के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर इंदर चन्द्र चंदावत के खिलाफ केस दर्ज किया है।
चंदावत पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी स्कीम के तहत गलत तरह से ट्रांजेक्शन किया है। चंदावत ने कथित तौर पर करीब दो करोड़ रूपए के मुद्रा लोन के माध्यम से प्राइवेट खातों में ट्रांसफर किए। इस संबंध में सीबीआई ने चंदावत के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। चंदावत के खिलाफ दर्ज किए गए एक मामले में कहा गया है कि उन्होंने अगस्त, 2011 से जून 2012 के मध्य में सरकारी स्कीमों का पैसा सुगना देवी नाम से खोले गए बैंक खाते में ट्रांसफर किए थे।
सीबीआई ने जांच में पाया कि खोले गए खाते में ना तो अकाउंट ओपनिंग फॉर्म भरा गया और ना ही इस खाते के साथ कोई कैश या ट्रांसफर वाउपचर उपलब्ध था। चंदावत पर इस खाते के जरिए 1.57 करोड़ रूपए के गबन का आरोप है। एक अन्य मामले में चंदावत पर आरोप है कि उन्होंने सितम्बर 2016 से मार्च 2017 तक नियमों की अनदेखी कर 26 मुद्रा लोन मंजूर किए। इनसे बैंक को 62 लाख रूपए से अधिक का नुकसान हुआ। जानकारी के अनुसार चंदावत वर्तमान में आबू रोड़ शाखा में ब्रांच मैनेजर है। गुरूवार और शुक्रवार को उनके पाली और आबूरोड़ स्थित ठिकानों पर छापे मारी कर आवश्यक दस्तावेज जुटाए गए।
उल्लेखनीय है कि लघु उधमियों के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा श्रृण योजना चलाई जा रही है। सीबीआई अधिकारियों के अनुसार चंदावत ने जिन 26 लोगों के मुद्रा लोन मंजूर किए, उनका भौतिक सत्यापन नहीं किया गया। आवश्यक औपचारिकताएं पूरी किए बिना ही 62 लाख से अधिक के लोन दे दिए।