
पटना। केन्द्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि संविधान में न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के अधिकारों के बारे में स्पष्ट प्रावधान किया गया है और उसी दायरे में लोकतंत्र के इन तीन महत्वपूर्ण स्तंभों को काम करना चाहिए।
श्री प्रसाद ने यहां राज्य न्यायाधिकरणों की द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि इसके तीन स्तंभ न्यायपालिका ,कार्यपालिका और विधायिका संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप कार्य करे । उन्होंने कहा कि संविधान में इन तीनों स्तंभों के अधिकार की स्पष्ट व्याख्या की गयी है और इसका पालन किया जाना आवश्यक है ।
केन्द्रीय मंत्री ने उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में न्यायाधिशों की नियुक्ति के संबंध में कहा कि समय आ गया है कि उच्चतम न्यायालय वर्ष 1993 में शुरू हुए कोलेजियम सिस्टम के पहले और बाद में होने वाले न्यायाधिशों की नियुक्ति के गुण-दोष की समीक्षा करें । उन्होंने कहा कि 1993 के पहले न्यायाधिशों की नियुक्ति के लिए कोई कोलेजियम सिस्टम नहीं बना था।