
नई दिल्ली। राजधानी की एक निचली अदालत ने आईएनएक्स मीडिया से जुड़े काले धन को वैध करने के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के पुत्र कार्ति चिदम्बरम को छह मार्च तक के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में आज भेज दिया। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुनील राणा ने संबंधित पक्षों की विस्तृत दलीलें सुनने के बाद यह आदेश सुनाया।
सीबीआई के वकील ने अदालत से आग्रह किया कि जांच एजेंसी लंबी पूछताछ के लिए कार्ति को 14 दिन के लिए हिरासत में लेना चाहती है, लेकिन विशेष न्यायाधीश ने छह मार्च तक की हिरासत अवधि मंजूर की। सीबीआई ने कार्ति को लंदन से चेन्नई हवाईअड्डे पर कल सुबह उतरते ही हिरासत में ले लिया था। कुछ देर हवाईअड्डे पर ही पूछताछ के बाद कार्ति को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच एजेंसी कार्ति को चेन्नई से दिल्ली मुख्यालय लेकर आई और कल शाम को उसने उन्हें पटियाला हाउस अदालत में विशेष जज के समक्ष पेश किया।
विशेष न्यायाधीश ने कार्ति को कल एक दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजा था, जिसके बाद सीबीआई को आज फिर जूनियर चिदम्बरम को अदालत में पेश करना पड़ा था। आज लंबी जिरह के बाद न्यायालय ने कुछ देर के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिछले वर्ष 15 मई को सीबीआई ने कार्ति के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी, भ्रष्ट और अवैध काम के लिए धन लेने, सरकारी कर्मचारी को निर्णय बदलने के लिए प्रभावित करने और आपराधिक कदाचार के मामले दर्ज किये थे।
कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से मुम्बई के आईएनएक्स मीडिया (अब 9एक्स मीडिया) को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से हरी झंडी दिलाने के नाम पर 3.5 करोड़ रुपये लिये थे। उस वक्त कार्ति के पिता श्री पी चिदम्बरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे। आईएनएक्स मीडिया को तब इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी संचालित कर रहे थे। ये दोनों शीना बोरा हत्याकांड मामले में भी आरोपी हैं।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही दिल्ली की एक अदालत ने कार्ति के चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) एस भास्कररमन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। भास्कररमन को भी आईएनएक्स मीडिया से जुड़े काले धन को वैध करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।