
जयपुर। अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 806वें उर्स में इस बार पाकिस्तानी जायरीनो का जत्था शामिल नहीं हो पाएगा। सुरक्षा कारणों के चलते इस बार केन्द्र सरकार ने इस जत्थे को वीजा मंजूर नहीं किया है।
पिछले 45 सालों से लगभग हर साल पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था अजमेर आता है। पिछले वर्षं करीब 450 पाक जायरीन अजमेर आए थे। इस बार भारत सरकार ने पाक जायरीन को वीजा नहीं दिया है। यही वजह है कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह अजमेर में इस बार पाकिस्तानी आवाम की चादर भी पेश नहीं हो पाएगी।
दरगाह के खादिमों की अंजुमन के सदस्य मौलाना सैय्यद मुसव्विर चिश्ती के अनुसार पाकिस्तानी जायरीन को अजमेर का वीजा नहीं दिया जाना बिल्कुल सही है। जब तक पाकिस्तान सरकार भारत से अच्छे संबंध नहीं बनाती और बॉर्डर पर अपनी नापाक हरकतों से बाज नही आती है तब तक पाकिस्तानियों को भारत नहीं आना चाहिए।
स्थानीय लोगों का भी मानना है कि उर्स के दौरान पाकिस्तानी जायरीनों के कारण उर्स की व्यवस्थाओं पर भी असर पड़ता है। हालांकि, उनके आने से स्थानीय दुकानदारों को तो बेहद फायदा होता है लेकिन पुलिस और खुफिया विभाग को भारी मशक्कत करनी पड़ती है।